₹200 Crore की Net Worth वाला Vivek Bindra कैसे बना इंडिया का No.1 Business Coach?

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सफलता का चाणक्य: विवेक बिंद्रा की ज़िंदगी से सीखें जीत की रणनीति

Vivek Bindra : जब ज़िंदगी ठहर जाए, जब रास्ते धुंधले हों और मन में सवाल गूंजें—”अब क्या करें?”—तो ऐसे वक्त में कोई न कोई ऐसा मिलता है जो अपने शब्दों से, अपनी ऊर्जा से, लोगों के भीतर की आग को फिर से जला देता है। और आज के दौर में अगर किसी एक नाम ने लाखों लोगों के भीतर आत्मविश्वास का दीप जलाया है, तो वह हैं Vivek Bindra No.1 Business Coach। इनकी कहानी सिर्फ एक बायोग्राफी नहीं, बल्कि एक आइना है जो हमें हमारे अंदर केलीडरसे मिलवाती है। चलिए जानते हैं इसमोटिवेशनल मशीनकी कहानी, उनकी सोच, संघर्ष और सफलता के पीछे छिपी मानव व्यवहार की परतें।

₹200 Crore की Net Worth वाला Vivek Bindra कैसे बना इंडिया का No.1 Business Coach?
₹200 Crore की Net Worth वाला Vivek Bindra कैसे बना इंडिया का No.1 Business Coach?

Vivek Bindra: शुरुआत वहीं से, जहां कई ज़िंदगियाँ हार मान लेती हैं

डॉ. विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1982 को दिल्ली में हुआ था। जब वो सिर्फ ढाई साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया। एक पिता की छांव से वंचित बचपन, आर्थिक तंगी और पारिवारिक दबावइन्हीं हालातों ने बिंद्रा को खुद की तलाश की ओर मोड़ा। मानव व्यवहार कहता है कि जब कोई इंसान टूटता है, तो या तो बिखर जाता है या फिर नया रूप लेता है। विवेक ने दूसरा रास्ता चुना। यही से शुरू होती है एक जुनूनी सफर की कहानी।

Vivek Bindra: पढ़ाई और आध्यात्म: जब MBA के साथ आए श्रीमद्भगवद्गीता

इन्होंने एमबीए की पढ़ाई “Amity Business School” से की। लेकिन यहां सिर्फ कॉर्पोरेट मैनेजमेंट नहीं, बिंद्रा ने श्रीमद्भगवद्गीता के अध्यायों में जीवन प्रबंधन के सूत्र खोजे।उनका मानना है कि इंसान की सोच ही उसकी सबसे बड़ी संपत्ति होती है। उन्होंने गीता को बिज़नेस स्ट्रेटेजी, लीडरशिप और मोटिवेशन का माध्यम बना दिया। और यही बना उनके कोचिंग स्टाइल की बुनियाद।

Vivek Bindra: Bada Business का जन्म: सपनों कास्टार्टअप गुरु

डॉ. बिंद्रा ने साल 2019 में अपना वेंचरBada Business Pvt. Ltd.लॉन्च किया। इसका मकसद था छोटे व्यापारियों, छात्रों और प्रोफेशनल्स को आसान भाषा में बिज़नेस नॉलेज देना।

उनके ‘Everything About Entrepreneurship’ (EAE) कोर्स और IBC (Independent Business Consultant) प्रोग्राम ने लाखों लोगों की सोच और रोज़गार बदल दिया।

👉 यहां मानव व्यवहार की सबसे बड़ी झलक मिलती हैजब कोई खुद उठा होता है, तभी वो दूसरों को उठाने की ताकत रखता है।

Vivek Bindra: यूट्यूब और डिजिटल दुनिया में धमाल

उनका यूट्यूब चैनल आज एक ब्रांड है। 21+ मिलियन सब्सक्राइबर्स और अरबों व्यूज़ के साथ, वो भारत के सबसे बड़े बिज़नेस मोटिवेशनल स्पीकर बन चुके हैं। उनके वीडियोस में एक खास ऊर्जा होती हैवो आंखों में आंखें डालकर बोलते हैं, जैसे किसी इंसान के दिल को झकझोर रहे हों।

क्योंकि इंसानी व्यवहार सिर्फ शब्दों से नहीं, भावों से भी जुड़ता है। और बिंद्रा इस कला के उस्ताद हैं।

उनके 5 सबसे बड़े थॉट्स जो ह्यूमन बिहेवियर से सीधे जुड़ते हैं:

  1. जब भी कोई बड़ा नुकसान होता है, एक बड़ा सीखने का मौका मिलता है।
    • यानि असफलता को डर नहीं, दिशा मानो।
  2. आपकी सबसे बड़ी पूंजी आपका आत्मविश्वास है।
    • भीतर की सोच ही बाहर की दुनिया तय करती है।
  3. सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून चाहिए, बहाने नहीं।
    • इंसानी आदतों में बहानेबाज़ी सबसे बड़ी बाधा है।
  4. सिर्फ ज्ञान नहीं, अमल ज़रूरी है।
    • व्यवहार में बदलाव लाना ही असली ट्रांसफॉर्मेशन है।
  5. “Employee नहीं, Entrepreneur बनो।

• • ये बात उस सोच को तोड़ती है जो सिर्फ नौकरी तक सीमित है।

विवाद और आलोचना: जब सवाल भी उठे

कोई भी पब्लिक फिगर सवालों से अछूता नहीं होता। डॉ. बिंद्रा पर भी कई बार विवादों की तलवार लटकीचाहे वो कोर्स की फीस को लेकर हो, या मार्केटिंग स्ट्रेटजी को लेकर। लेकिन यही वो मोड़ हैं जहां इंसानी व्यवहार दिखता हैजब आलोचना आए, तो घबराओ नहीं, खुद को बेहतर बनाओ। बिंद्रा ने यही किया।

नेट वर्थ: मेहनत की गवाही

2025 के अनुमान के अनुसार, डॉ. विवेक बिंद्रा की कुल संपत्ति (Net Worth) लगभग ₹150 करोड़ से ₹200 करोड़ के बीच है।

  • उनकी कमाई के प्रमुख स्त्रोत हैं:
    • Bada Business Pvt. Ltd.
    • यूट्यूब चैनल से विज्ञापन और ब्रांडिंग
    • मोटिवेशनल सेमिनार और वर्कशॉप
    • बुक सेल्स और डिजिटल कोर्सेस

ये आंकड़ा सिर्फ पैसों का नहीं, उस विश्वास का प्रतीक है जो उन्होंने लाखों लोगों में जगाया।

क्या हम भी बन सकते हैं बिंद्रा?

विवेक बिंद्रा बनना ज़रूरी नहीं, लेकिन उनके जैसे सोच रखना ज़रूरी है।

उनकी कहानी सिखाती है:

  • हालात कैसे भी हों, आप खुद को चुन सकते हैं।
  • जब अंदर आग हो, तो बाहर अंधेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

• • जो दूसरों को उठाता है, वही असली लीडर होता है।

जो ज़िंदगी को समझ गया, वही जीत गया।
डॉ. विवेक बिंद्रा की ज़िंदगी इंसानी व्यवहार का वो उदाहरण है जो बताता है कि बदलाव बाहर नहीं, हमारे अंदर होता है। अगर आपने अब तक सिर्फ उनकी आवाज़ सुनी है, अब उनकी सोच को भी अपनाइए। हो सकता है, अगलाबड़ा बिज़नेसआपके अंदर ही छुपा हो।

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